– एसटीएफ ने बनाया सुपारी किलर निगरानी सेल, कांट्रैक्ट किलरों का तैयार हो रहा डोजियर
– संगीन जुर्म के आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिए फिर से गठित हो रहे फास्ट ट्रैक कोर्ट
बीआरबीजे न्यूज, पटना, 16 जुलाई, 2025
पटना के प्रतिष्ठित कारोबारी गोपाल खेमका, दानापुर में स्कूल संचालक अजीत कुमार और पटनासिटी के वकील जितेन्द्र कुमार मेहता समेत हाल में हत्या की कई घटनाओं को सुपारी किलरों के माध्यम से अंजाम दिया गया। विपक्ष के हमलावर तेवर और सियास किरकिरी से बचने के लिए राज्य सरकार के सख्त कार्रवाई के निर्देश पर बिहार पुलिस ने अपराधियों की नकेल कसने में लग गई है। इसके मद्देनजर बिहार पु्लिस अब पटना समेत राज्य के कांट्रैक्ट किलरों की कुंडली तैयार करेगी।
राज्यभर में हत्या की वारदातों को अंजाम देने वाले सुपारी किलरों का पुलिस के स्तर पर डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके लिए एसटीएफ (विशेष पुलिस बल) के अंतर्गत खासतौर से सुपारी किलर निगरानी सेल का गठन किया गया है। यह सेल तमाम सुपारी किलर का पूरा ब्योरा जुटाकर उनका डोजियर बनाएगा। इससे किसी वारदात में ऐसे हत्यारों की पहचान करने में आसानी होगी। यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय) सह एसटीएफ कुंदन कृष्णन ने बुधवार को सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय के सभागार में प्रेस वार्ता में दी।
एडीजी ने कहा कि सुपारी किलर का फोटो, नाम, पता समेत तमाम जानकारी एकत्र करके रखी जाएगी। कई युवा पथ भ्रमित होकर पैसे के लालच में सुपारी लेकर हत्या करने का काम करने लगे हैं। इन युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोढ़ा गैंग में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए अलग से एक कोढ़ा सेल बनाया गया है। यह सेल बेगूसराय के तिवारी गैंग में भी शामिल
उन्होंने कहा कि राज्य में नशा के कारोबार पर नकेल कसने के लिए एटीएफ में एक नॉरकोटिक्स सेल का भी गठन किया गया है। इसे थानों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए इसका क्षमतावर्द्धन किया जा रहा है। इसमें अधिकारियों और कर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की पहल शुरू
एडीजी कृष्णन ने कहा कि संगीन एवं हिंसक अपराध में शामिल अपराधियों को सजा दिलाने के लिए राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की गई है। गृह विभाग को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि जल्द से जल्द इसे अमलीजामा पहनाया जा सके। 2012-13 तक फास्ट ट्रैक कोर्ट की मदद से सालाना 2 से 3 हजार अपराधियों को उम्रकैद समेत अन्य सख्त सजाएं दिलाई जाती थी। वर्तमान में सालाना 500-600 अपराधियों को सख्त सजा दिलाई जा रही है।
संपत्ति जब्ती के लिए 1290 अपराधी चिन्हित
श्री कृष्णन ने बताया कि राज्य में 1290 ऐसे अपराधियों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने आपराधिक गतिविधि की बदौलत संपत्ति अर्जित की है। इन सभी की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया पुलिस शुरू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि अवैध हथियार या पिता की लाइसेंसी हथियार के साथ कोई नाबालिग पकड़ा जाता है, तो उसके अभिभावक या पिता को भी जेल होगी।
दावा : राज्य में नहीं बढ़ीं अपराध की घटनाएं
मु्बख्हायालय का दावा है कि राज्य में अपराध की घटनाएं नहीं बढ़ी है। पिछले वर्ष मई-जून में जितने अपराध हुए हैं, उसकी तुलना में इस वर्ष वारदातें कम हुईं हैं। एडीजी कृष्णन ने कहा कि दानापुर ज्वेलरी शॉप, आरा में तनिष्क लूट कांड, समस्तीपुर में महाराष्ट्र बैंक लूट कांड जैसी तमाम वारदातों में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लूट की दर्जनभर घटनाओं को होने से पहले ही बचाया जा चुका है। यह एसटीएफ के विशेष इंटेलिजेंस का नतीजा है। दूसरे राज्यों में घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार किया जा चुका है। इस वर्ष जनवरी से अब तक ऐसे 700 से अधिक अपराधियों को एसटीएफ गिरफ्तार कर चुका है।
नक्सलियों का हुआ सफाया, 6 महीने में पकड़े गए 82
एडीजी ने कहा कि राज्य में नक्सली वारदातें नहीं हो रही हैं। नक्सलियों के गढ़ गया, औरंगाबाद, मुंगेर, जमुई समेत अन्य इलाकों में इनका तकरीबन सफाया हो गया है। इस वर्ष जनवरी से अब तक 82 नक्सली दबोचे जा चुके हैं। इसका नतीजा है कि गया, औरंगाबाद समेत आसपास के इलाकों में नक्सलियों के हथियारबंद दस्ता का सफाया हो गया है। अमरजीत भोक्ता की गिरफ्तारी के बाद यह मामला अब बदल गया है। सिर्फ जमुई, खड़गपुर के इलाकों में कुछ हथियारबंद दस्ते बचे हुए हैं। इनका सफाया भी जल्द हो जाएगा।