बीआरबीजे न्यूज, 4 जुलाई, 2024.
क्या आप किसी ऐसा आईएएस अधिकारी को जानते हैं, जो बिना कोई तामझाम या लाव-लश्कर के किसी स्कूल का निरीक्षण करने निकल गए हों। ….वह भी अकेले ट्रेन से …. आम रेलयात्री बनकर। आइए आपको बताते हैं, कोन हैं ये आईएएस अधिकारी। ये हैं वरिष्ठ आएएएस अधिकारी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ। उनके इस दौरे की किसी को भनक तक नहीं लगी और वह शिक्षण व्यवस्था का जायजा भी ले लिया। उनको स्कूल में अपने बीच पाकर छात्राएं चकित थीं, वहीं, शिक्षकों – प्रधानाचार्य की पेशानी पर बल साफ देखे जा सकते थे।
खुद भी स्कूलों में जाकर पढ़ाई का ले रहे जायजा
केके पाठक के बाद डा. सिद्धार्थ ने जब से इस विभाग का कार्यभार संभाला है, बिना किसी शोरशराबे के वह राज्य और छात्रहित में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निरंतर प्रयास में लगे हैं। इसके लिए वह न सिर्फ विभाग में अपने नीचे के अधिकारियों, बल्कि जिलों और प्रखंडस्तर के शिक्षा अधिकारियों को रोज स्कूलों का निरीक्षण और मॉनिटरिंग करने का टास्क सौंप रहे हैं। ऐसा नहीं है कि वह सिर्फ नीचे के अधिकारियों को यह सब करने के लिए कह रहे हैं, बल्कि विभाग का प्रधान होने के बावजूद खुद भी सुदूर इलाकों में स्कूलों का दौरा कर वहां पढ़ाई की स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
भोजपुर जिले के बिहया कन्या मध्य विद्यालय पहुंचे
इसी क्रम में आज वह पटना से ट्रेन के स्लीपर क्लास से वाया दानापुर होते बिहिया पहुंचे। ट्रेन में सहयात्रियों से बिहार में शिक्षा के हालात के फीडबैक भी लिए। वह भोजपुर जिले के बिहया के कन्या मध्य विद्यालय पहुंचे तो पसीने से तर बतर थे। वहां उन्होंने शिक्षकों और छात्राओं से स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं और पढ़ाई की स्थिति का जायजा लिया। शिक्षा विभाग के प्रधान द्वारा इस तरह के गंभीर प्रयास से उम्मीद की जानी चाहिए कि बिहार में शिक्षा की स्थिति सुधरेगी।