- माता सीता के जन्मस्थान का नवनिर्माण किये बिना भगवान राम के जन्मस्थान का निर्माण करने से संपूर्णता नहीं आ सकती
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मां जानकी की जन्मस्थली पुनौरा धाम के विकास कार्यों का शिलान्यास कर इसके कायाकल्प की शुरुआत कर चुके
- आरोप लगाया, भाजपा की न तो श्री राम में श्रद्धा है और न ही माता सीता में, ये लोग इनके नाम पर सिर्फ अपनी राजनीति चमकाते हैं
पटना। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने एक्स हैंडल के जरिये सीता जन्मस्थान के नवनिर्माण का मुद्दा एक बार फिर से उठाया है। इसे लेकर अपने पोस्ट में लिखा है कि छोटे-छोटे विषयों पर भी बयानवीर बनने वाले भाजपा के नेताओं की चुप्पी माता सीता के जन्मस्थान के मसले पर टूटने को तैयार नहीं है. आरोप लगाया है कि यह दिखाता है कि इनकी निगाह में माता सीता का कोई महत्व ही नहीं है.
उन्होंने लिखा है कि भाजपा को समझना चाहिए कि सारे धर्मगुरुओं से लेकर साधू-संतों तक, यहां तक कि आम लोग भी जय सिया राम ऐसे ही नहीं कहते हैं बल्कि यह दर्शाता है कि माता सीता ही भगवान राम को संपूर्ण करती हैं. शास्त्रों के मुताबिक माता सीता ब्रह्मांड की शक्ति और स्त्री ऊर्जा का प्रतीक हैं. सीताराम के जप से भक्त और भगवान के संबंधों में पूर्णता आती है. इसीलिए माता सीता के जन्मस्थान का नवनिर्माण किये बिना भगवान राम के जन्मस्थान का निर्माण करने से संपूर्णता नहीं आ सकती है.
जदयू महासचिव ने लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मां जानकी की जन्मस्थली पुनौरा धाम के विकास कार्यों का शिलान्यास कर इसके कायाकल्प की शुरुआत कर चुके हैं. सीमित संसाधनों के बावजूद सरकार ने इसके लिए 72 करोड़ रुपयों से अधिक की राशि आवंटित की है. जिसके तहत पुनौराधाम को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने तथा मंदिर परिसर का सुंदर वास्तुशिल्प से सौंदर्याकरण, परिक्रमा पथ, सीता वाटिका, लव कुश वाटिका, जानकी महोत्सव क्षेत्र, मंडप, पार्किंग क्षेत्र, आंतरिक सड़क आदि निर्माण कार्य किये जायेंगे. भाजपा में यदि श्री राम में थोड़ी भी श्रद्धा होगी तो इसमें सहयोग करने की घोषणा जरूर करेगी.
उन्होंने आरोप लगाया है कि वास्तव में भाजपा की न तो श्री राम में श्रद्धा है और न ही माता सीता में. ये लोग इनके नाम पर सिर्फ अपनी राजनीति चमकाते हैं.