- दाखिल की गई याचिका
बिहार अब तक डेस्क। पटना।
बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने वाले बिल को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। नये आरक्षण बिल के खिलाफ एडवोकेट जनरल ऑफिस में याचिका में पहुंच गयी है। जानकारी के अनुसार बिहार में 65% आरक्षण को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि- ‘ये मौलिक अधिकारों का उल्लंघन’ है। याचिकाकर्ता गौरव कुमार और एस नमन हैं। इनकी ओर से अधिवक्ता आलोक कुमार याचिका दाखिल की है।
आरक्षण का दायरा 75 फीसदी तक
बता दें कि जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद बिहार सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया। शीतकालीन सत्र के चौथे दिन 9 नवंबर को विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित कर दिया गया। विधान मंडल से पारित होने के बाद राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने 18 नवंबर को मुहर लगाई। जिसके बाद बिहार सरकार ने नए अधिनियम का गजट 21 नवंबर को प्रकाशित किया है। नए आरक्षण बिल में आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी तक कर दिया गया। वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण को 65 फीसदी की सीमा से अलग रखा गया है। इससे आरक्षण का दायरा बढ़कर 75 फीसदी हो गया है।
आरक्षण का स्वरूप
बिहार आरक्षण बिल 2023 की तस्वीर कुछ इस तरह है। ओबीसी को 18 फीसदी, ईबीसी को 25 फीसदी, अनुसूचित जाति को 20 फीसदी और अनुसूचित जनजाति को 2 फीसदी का आरक्षण मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण जोड़ कर बिहार में आरक्षण का दायरा 75 फ़ीसदी तक हो गया है।