पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के बाद दर्शन-पूजन के लिए जब सभी श्रद्धालुओं को स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आमंत्रित किया है, तब न किसी को अलग से आमंत्रण की अपेक्षा करनी चाहिए, न इस पर राजनीति होनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यदि सभी आस्थाओं का सम्मान करते हैं, कभी चादरपोशी करते हैं और कभी गुरुद्वारा में मत्था टेकते जाते हैं, तो उन्हें अयोध्या धाम की यात्रा करने में क्या संकोच होना चाहिए? कहा कि लालू परिवार के लोग जिस सहजता से मथुरा, वृदावन और तिरुपति बालाजी के मंदिर जाते हैं, उसी तरह उन्हें अयोध्या धाम भी जाना चाहिए ।
शबरी, केवट, वाल्मीकि के श्रीराम से विपक्ष का दूरी बनाना दुर्भाग्यपूर्ण
उन्होंने कहा कि श्रीराम तो सबके हैं। शबरी, केवट, वाल्मीकि के राम से राजद-जदयू और इंडी गठबंधन के लोगों का दूरी बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। श्रीराम का गुरुकुल (बक्सर) और ससुराल ( मिथिलांचल) होने से बिहार और अयोध्या के बीच जो पौराणिक संबंध है, उसे राजनीति नहीं तोड़ सकती। हम अयोध्या के उत्सव में स्वयं को सदैव सम्मिलित अनुभव करते रहेंगे।