पटना, 8 अप्रैल, 2024: बिहार जदयू में प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की सूची को लेकर भारी बवाल हुआ। नौबत यहां तक आई कि नेताओं के असंतोष को दबाने के लिए तीसरी सूची जारी करनी पड़ी। एक प्रवक्ता ने तो लिस्ट से अपना नाम कटने पर अपने सीनियर को ही खरी खोटी सुना दी।
मालूम हो कि प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट पार्टी के चेहरा होते हैं। वे समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और समाचार चैनलों के माध्यम से पार्टी का पक्ष रखते हैं। जनता को पार्टी की नीतियों, कार्यक्रमों आदि की जानकारी देते हैं। प्रमुख सत्तारूढ़ दल होने के नाते इनका दायित्व सरकार के जनहित के कार्यों के बारे में भी लोगों को बताना होता है।
जदयू नेताओं का कहना है कि पार्टी के तजुर्बेकार लोगों को यह जिम्मेदारी दी जाती है। ऐसे में बिना कोई कारण बताए वरिष्ठ नेताओं को अचानक सूची से बाहर कर देना, वह भी चुनाव के समय, सही नहीं है।
दूसरी लिस्ट में गायब थे निखिल मंडल
बताया गया कि जदयू प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की पहली सूची 5 अप्रैल को जारी की गई। इसमें तीन प्रवक्ताओं के नाम शामिल किए गए थे। पहला नाम डा. निहोरा प्रसाद यादव, दूसरा निखिल मंडल और तीसरा अरविंद निषाद का था। वहीं, 11 लोगों की मीडिया पैनलिस्ट लिस्ट में इम्तियाज अहमद अंसारी, श्वेता विश्वास, मनोरंजन गिरी, कमल नोपानी, ओमप्रकाश सिंह सेतु (महासचिव), प्रतिभा सिंह, हुलेश मांझी, अजीत पटेल, पूजा एन. शर्मा, पल्लवी पटेल और डा. मधुरेंद्र पांडेय शामिल थे। मगर, यह लिस्ट स्थगित कर दी गई। बाद में जो लिस्ट जारी हुई, उसमें निखिल मंडल का नाम गायब था।
निखिल ने प्रदेश नेतृत्व पर हमला बोला
इसे लेकर निखिल मंडल ने प्रदेश नेतृत्व पर हमला बोल दिया। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को कटघरे में खड़ा करते हुए उनकी जमकर खिंचाई कर दी। कहा कि ये पार्टी ना आपकी है, ना मेरी है। ये पार्टी सिर्फ़ और सिर्फ़ नीतीश कुमार की है, जो मेरे राजनीतिक गुरु हैं। पहले भी उन्होंने ही मुझे प्रवक्ता बनाया था।
अंतिम लिस्ट में चार नाम जोड़े गए
इसके बाद अंतिम रूप से 6 अप्रैल को एक और लिस्ट जारी की गई। इसमें निखिल मंडल के साथ ही धीरज कुशवाहा और परिमल कुमार का नाम भी जोड़ा गया। वहीं, मीडिया पैनलिस्ट में मोहन प्रकाश और तहसीन नदीम को शामिल किया गया है।