कहा, दलितों और पासवान समाज की निर्णायक ताकत पशुपति पारस के साथ
पटना। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने राज्य कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारी पार्टी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने निरंतर एनडीए को मजबूत करने में अपना महत्पूर्ण योगदान दिया और हमेशा एनडीए के हर फैसले के साथ मजबूती से खड़े रहे। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के आश्वासन पर हमारी पार्टी ने बड़ी कुर्बानी देते हुए, राज्य में लोकसभा चुनाव नहीं लड़कर एनडीए में ही बने रहने का फैसला लिया। एनडीए को मजूबत किया और एनडीए का प्रचार ईमानदारी से किया। हमारी पार्टी और हमारे नेता पारस ने 2014 से लगातार एनडीए को मजबूत किया एवं एनडीए को समर्थन दिया, वहीं, एनडीए द्वारा हमारी पार्टी को एक व्यक्ति के दबाव पर किसी बड़ी साजिश के तहत कमजोर किया गया।
भवन निर्माण विभाग का कार्य पूरी तरह दुर्भावना से प्रेरित
श्रवण अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और लोक जनशक्ति (रामविलास) को भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा बिहार में एक समान पार्टी का दर्जा प्राप्त है। जब तक कि भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली में मूल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी का मामला लंबित है राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में दोनों हो पार्टियों को एक समान पार्टी के रूप में अभी तक मान्यता मिली हुई है ऐसे में हमारी पार्टी का राज्य कार्यालय खाली कराना भवन निर्माण विभाग का पूरी तरह दुर्भावना से प्रेरित कार्य है। हमारी पार्टी कार्यालय का आवंटन रद्द कर कार्यालय को दूसरी पार्टी को आवंटित करना भी बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है, हमारी पार्टी इस फैसले का कड़ा विरोध करती है। राष्ट्रीय प्रवक्ता अग्रवाल ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने 29 अक्टूबर को अपने फैसले में हमारे वर्तमान कार्यालय को 13 नवम्बर तक खाली करने का आर्देश दिया है साथ ही उच्च न्यायालय ने भवन निर्माण विभाग को दो सप्ताह के भीतर हमारी पार्टी को अलग से कार्यालय देने का निर्देश दिया है जिसके आलोक में हमारी पार्टी ने 30 अक्टूबर को ही पटना में नये कार्यालय हेतु अनुरोध पत्र भवन निर्माण विभाग को भेज दिया है राष्ट्रीय प्रवक्ता अग्रवाल ने कहा कि हमारी पार्टी ने पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पार्टी कार्यालाय को लेकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था पुन: नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि इस मामले को वह स्वयं देखे जिससे हमारी पार्टी को न्याय मिल सके जिससे रालोजपा पटना में पार्टी कार्यालय के माध्यम से पूर्व की तरह अपनी पार्टी की गतिविधि एवं कार्यक्रम को संचालित कर सके। उन्होंने भवन निर्माण विभाग के सचिव से भी यह आग्रह किया है कि 13 नवम्बर तक हमारी पार्टी को पटना में कार्यालय आवंटित करे।
एनडीए का ईमानदारी से साथ देने का यह इनाम मिला
राष्ट्रीय प्रवक्ता अग्रवाल ने आगे कहा कि उनके नेता पशुपति पारस और उनकी पार्टी को एनडीए का ईमानदारी से साथ देने के एवज में इनाम यह मिला कि लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए के कार्याक्रमों और बैठकों से हमारी पार्टी को दूर रखा गया और एनडीए में शामिल एक पार्टी के दबाव पर रालोजपा को पूरी तरह से अलग-थलग किया गया। पटना में नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एनडीए की हुई बड़ी बैठक में भी हमारी पार्टी को आमंत्रित नहीं किया गया। वहीं दूसरी तरफ बिहार एनडीए की नेताओं द्वारा हमारे नेता पशुपति पारस और हमारी पार्टी को एनडीए का अभिन्न हिस्सा भी बताया जाता है जो कि दुविधाजनक है। इससे हमारे पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राष्ट्रीय प्रवक्ता अग्रवाल ने कहा कि बिहार में दलितों और पासवान समाज का निर्णायक ताकत दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस के साथ है। इस बात को लेकर किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए जब 2021 में लोजपा का विभाजन हुआ था उसके उपरान्त बिहार विधानसभा के दो उपचुनाव कुशेश्वर स्थान और तारापुर में पासवान समुदाय का वोट पशुपति कुमार पारस के प्रचार करने के बाद पूरी तरह से गोलबन्द होकर जद(यू) उम्मीदवार को मिला और जद(यू) उम्मीदवार की दोनों जगह भारी मतों से जीत हुई थी और उस समय भी चिराग ने दोनो जगह अपनी पार्टी का उम्मीदवार जद(यू) के खिलाफ उतारा था और दोनों ही जगह उसके उम्मीदवार की जमानत जप्त हो गयी थी।
चिराग अवसरवादी, एनडीए नेता सतर्क रहें
राष्ट्रीय प्रवक्ता अग्रवाल ने कहा कि बिहार में एनडीए नेताओं को चिराग पासवान से सावधान एवं सर्तक रहने की जरूरत है वह व्यक्ति बेहद ही अवसरवादी है। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बोला कि पशुपति पारस का रामविलास पासवान का छोटा भाई होना, राज्य में पारस का दलित नेता के रूप के लम्बा सियासी अनुभव होना और पारस का दलित सेना का राष्ट्रीय अध्यक्ष होना चिराग पासवान को पहले से ही चुभता रहा है। श्रवण अग्रवाल ने कहा कि 2020 में जब पशुपति पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विकास पुरुष बताया और उस समय पारस ने यह बयान दिया था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का अद्भूत विकास हुआ है तब उस समय चिराग पासवान ने पशुपति कुमार पारस को दल से निकालने की धमकी दी और एनडीए का साथ देने और नीतीश कुमार का समर्थन करने के सवाल पर चिराग पासवान ने पशुपति पारस सहित सभी सांसदों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था चिराग पासवान के द्वारा ही 2021 में पार्टी तोड़ी गयी थीं।
चिराग का दलित प्रेम महज ढ़ोंग और दिखावा
राष्ट्रीय प्रवक्ता अग्रवाल ने चिराग पासवान को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि चिराग का दलित प्रेम महज ढ़ोग और दिखावा हैं हकिकत में चिराग की मानसिकता दलित विरोधी है। एक समय चिराग ने अखबरों और चैनलों को यह बयान दिया था कि सम्पन्न दलितों को आरक्षण का त्याग स्वेच्छा से कर देना चाहिए और सम्पन्न दलितों को छोड़ देना चाहिए ऐसा बयान देने वाला व्यक्ति कभी भी दलितों का हिमायती नहीं हो सकता है। उस समय जद(यू) के नेताओं ने चिराग पासवान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, उनको सामान्य सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अपनी पार्टी के कार्यालय उपयोग हेतु भवन आवंटित करने के दिशा में भवन निर्माण विभाग को निर्देशित करने का आग्रह किया है साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात हेतु समय की भी मांग की है और जल्द पशुपति पारस नीतीश कुमार से मिलकर अपनी सारी बातों को रखेंगे। संवाददाता सम्मेलन में रालोजपा के राष्ट्रीय महासचिव अम्बिका प्रसाद बिनू, दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम कुमार दाहा, प्रदेश महासचिव राजेन्द्र विश्वकर्मा, प्रदेश संगठन सचिव राधाकांन्त पासवान मौजूद थे।