पटना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को सरकार्यवाह पद के लिए दत्तात्रेय होसबाले को चुना है। आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर में हो रही है। बैठक नागपुर आरएसएस मुख्यालय में 6 साल बाद हो रही है। दत्तात्रेय होसबाले अब सरकार्यवाह पद पर 2027 तक बने रहेंगे।
वह वर्ष 2021 से सरकार्यवाह के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। होसबाले संघ में सर संघचालक मोहन भागवत के बाद दूसरे नम्बर पर आते हैं। आरएसएस में सर संघचालक का पद सर्वोच्च होता है। इसके बाद सरकार्यवाह का पद होता है।
चुनाव और आरएसएस के शताब्दी वर्ष मुख्य कारण
जानकारी के अनुसार दत्तात्रेय होसबाले को आने वाले लोकसभा चुनाव और आरएसएस के शताब्दी वर्ष को देखते हुए फिर से सरकार्यवाह पद पर चुना गया है।
स्थापना 1925 में, 2025 तक 1,00,000 शाखाएं खोलने का लक्ष्य
आरएसएस की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन हुई थी। अगले साल इसका शताब्दी समारोह मनाया जाएगा। आरएसएस ने 2025 तक देश में 1,00,000 शाखाएं खोलने का लक्ष्य तय किया था। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया जाता है। आरएसएस के सभी पूर्व प्रांत प्रचारकों (राज्य नेताओं) को एबीपीएस में आमंत्रित किया जाता है।
पिछले वर्ष की समीक्षा और अगले वर्ष की योजना
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक में संघ की पिछले एक वर्ष की गतिविधियों की समीक्षा की जाती है और अगले वर्ष की योजना बनाई जाती है। यह आरएसएस में सर्वोच्च निर्णय लेने का प्लेटफ़ॉर्म है। बैठक में रणनीतियों के साथ-साथ संघ शिक्षा वर्ग (वार्षिक प्रशिक्षण शिविर) की योजना और आयोजन पर चर्चा होती है। ये प्रशिक्षण शिविर आमतौर पर गर्मियों में मई-जून में आयोजित किए जाते हैं।
एबीपीएस में देश के हर जिले का प्रतिनिधित्व
एबीपीएस में देश के लगभग हर जिले का प्रतिनिधित्व है। इन प्रतिनिधियों में से अधिकांश सक्रिय स्वयंसेवकों के अखिल भारतीय प्रतिनिधि हैं। लगभग 50 सक्रिय स्वयंसेवकों का प्रतिनिधित्व एक प्रांतीय प्रतिनिधि (राज्य प्रतिनिधि) द्वारा किया जाता है, जबकि प्रत्येक अखिल भारतीय प्रतिनिधि 20 राज्य प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करता है। कुल मिलाकर बैठक में देश भर से लगभग 1,500 प्रतिनिधि भाग लेते हैं, जिनमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, क्षेत्रीय और प्रांत (राज्य) कार्यकारिणी के सदस्य, एबीपीएस के निर्वाचित सदस्य और सभी विभाग प्रचारक शामिल हैं।