- लगाया आरोप,विकास मित्र, टोला सेवक और तालिमी मरकज को दिया गया यह लालच
- रामविलास और जीतन राम मांझी को अपमानित करने वालों को दलित माफ नहीं करेगा
- 90% दलित परिवार 6000 से कम मासिक आय वाले, जिम्मेवार लालू, नीतीश, सोनिया
बिहार अब तक डेस्क। पटना।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि जदयू के भीम संसद में सरकारी मशीनरी का भारी दुरुपयोग कर भीड़ जुटाने का प्रयास किया गया। दलित बस्तियों में काम करने वाले ‘विकास मित्र’, ‘टोला सेवक, ‘तालिमी मरकज’के हजारों कर्मियों को यह प्रलोभन देकर कि उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा और वेतन वृद्धि दी जाएगी, यह भीड़ जुटाई गई । कहा कि सरकारी तंत्र के भरोसे भीड़ जुट सकती है, परंतु वोट नहीं मिल सकता।
यह भी आरोप लगाया कि देश के सबसे बड़े दलित नेता स्वर्गीय रामविलास पासवान को राज्यसभा में जाने का विरोध करने और उनकी जाति पासवान को महादलित से अलग करने, मुसहर के नेता जीतन राम मांझी को अपमानित कर मुख्यमंत्री से हटाने और फिर विधानसभा में अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने वाले नीतीश कुमार को बिहार का दलित कभी माफ नहीं करेगा। दावा किया कि 75 साल तक कांग्रेस, राजद, जदयू की सरकार के बावजूद यदि 43% दलित परिवार की आमदनी 6000 से कम है, 90% लोग 10वीं से कम शिक्षित हैं, 75% परिवारों को पक्का मकान नहीं है तो इसके लिए नीतीश, लालू, सोनिया जिम्मेवार है।