पटना। अंग्रेजों के बनाए 160 आल पुराने बांकीपुर क्लब में इस बार के निदेशक मंडल के चुनाव में जमकर उलट फेर चला। अंडरकरेंट बदलाव की आंधी में ‘दवा किंग’ के दिग्गज सेनापति उड़ गए। वहीं, ‘होटल सम्राट’ की सेना ‘दवा किंग’ पर भारी पड़ी। बांकीपुर क्लब के निदेशक मंडल के चुनाव में महेश अग्रवाल पैनल के सभी छह उम्मीदवार जीत गए। इस तरह महेश खेमे ने गोपाल खेमका ग्रुप पर बढ़त बनाते हुए बांकीपुर क्लब की बागडोर अपने हाथों में ले ली। अब इस बार सचिव और कोषाध्यक्ष महेश खेमे से होंगे। खेमका 212 मतों के साथ नौवें स्थान पर चले गए। वहीं, महेश 251 के साथ तीसरे स्थान पर रहे। सबसे अधिक 257- 257 वोट महेश खेमे के डा. ओम प्रकाश और डा. आरएनके सिंह को मिले।
कांटे का रहा मुकाबला, कोषाध्यक्ष सतीश मोहन चरणपहाड़ी हारे
रविवार 15 दिसम्बर को क्लब के एजीएम के बाद दोपहर 12.30 बजे मतदान शुरू हुआ। दो – तीन घंटे में ही लोगों को पता चल गया कि दोनों टीमों में मुकाबला कांटे का है। रविवार शाम 6.15 बजे तक 350 वोट पड़ हुके थे। बाकी के 45 मिनट में 53 वोट और पडे। इस तरह वोटिंग टाइम रविवार शाम 7.00 बजे तक कुल 577 में 403 वोट पड़े। इसमें एक वोट इनवैलिड घोषित हुआ। फिर कुल पड़े 402 वोटों की गिनती शुरू हुई। इसके आधार पर रात 11.00 बजे परिणाम घोषित किए गए।
सबसे चौंकाने वाला नतीजा रहा गोपाल खेमका पैनल के सतीश मोहन चरणपहाड़ी का जो निदेशक पद का चुनाव हार गए। वह बांकीपुर क्लब के कोषाध्यक्ष भी हैं। इसके साथ ही, इस पैनल के राजनंदन प्रसाद भी जीत नहीं सके। गोपाल खेमे से कुल सात उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें खेमका समेत पांच सदस्य डा. संजीव संथालिया, डा. संजीव कुमार, डा. बिपिन कुमार सिन्हा और सुभाष प्रसाद सिन्हा विजयी रहे। वहीं, महेश खेमे से महेश अग्रवाल समेत, डा. ओम प्रकाश, डा. आरएनके सिंह, रोहित अहलुवालिया, संजय अग्रवाल और पीके सिंह जीते।
छाया रहा आशीष का नामांकन रद्द होने का मुद्दा
पिछली बार गोपाल खेमका खेमा ही जीता था और गोपाल खुद सचिव जबकि सतीश एम चरण पहाड़ी कोषाध्यक्ष बने थे। इस बार के नतीजों से साफ है कि यह खेमा सदस्यों का विश्वास जीतने में नाकामयाब रहा। मतदान से पूर्व एजीएम में आशीष आदर्श ने अपने नामांकन के रद्द होने का मुद्दा भी उठाया, जो पूरे वोटिंग के दौरान छाया रहा। रिटर्निंग अफसर महेन्द्र कुमार पूरे समय मौजूद रहे।
इन्होंने भी डाले वोट
जानकारी के मुताबिक केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह और महाधिवक्ता पीके शाही भी वोट डालने पहुंचे। इनके आलावा एडवांटेज मीडिया के खुर्शीद अहमद, हाईकोर्ट के अधिवक्ता मनोज माधव, शरद रंजन और हिन्दुस्तान टाइम्स के सॉफ्टवेयर इंजीनियर शशांक आर्या वगैरह ने भी मतदान किया।