भोला नाथ
पटना। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज बिहार के पटना में जो एलान किया, उससे विपक्ष व्याकुल हो गया है। श्री शाह ने गुरुवार 30 अक्टूबर की सुबह पटना के होटल में मीडिया से बातचीत में कहा कि बीच बिहार चुनाव में या कहें इस चुनावी माहौल में हमने आपको यह सूचना देने के लिए बुलाया था। बिहार में आदर्श चुनाव आचार संहिता विद्यमान है। इसलिए कोई पॉलिटिकल बात नहीं हो सकती। …तो चुनाव आयोग से परमिशन लेकर हमने इस नॉन पॉलिटिकल इश्यू पर बात करने के लिए आप सभी को बुलाया था। लेकिन, श्री शाह ने इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विपक्ष पर भी करारा हमला बोला। …और, प्रेस कांफ्रेंस के कुछ ही देर बाद कांग्रेस के एक बड़े नेता का इस पर कड़ा बयान भी आ गया… यानी सियासत चालू… आहे..!!

हर वर्ष 31 अक्टूबर का परेड 26 जनवरी की तर्ज पर हर साल होगा
अमित शाह की यह प्रेस वार्ता राष्ट्रीय एकता दिवस-2025 पर सरदार वल्लभभाई पटेल जी के 150वें जयंती वर्ष समारोह के संबंध में था। समारोह के मौके पर गुजरात के एकतानगर में भव्य एकता परेड का आयोजन होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल यानी शुक्रवार की सुबह 7.55 बजे एकता नगर में होने वाली भव्य परेड की सलामी लेंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरदार साहब की 150वीं जयंती के बाद हर वर्ष 31 अक्टूबर को 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस की तर्ज पर ही इस परेड को नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा। यह परेड हमेशा के लिए देश के युवाओं को सरदार साहब के सिद्धांतों और सरदार साहब द्वारा देश के लिए किए गए कामों की जानकारी देने का माध्यम बनेगी।

सरदार पटेल को लेकर पटना में शाह की प्रेस वार्ता के निकाले जा रहे मायने
बीच बिहार विधान सभा चुनाव – 2025 श्री शाह के सरदार पटेल को लेकर पटना में इस प्रेस कांफ्रेंस के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसे बिहार चुनाव के दौरान ‘पटेल कार्ड’ भी माना जा रहा है। आखिर क्या होगा इस ‘पटेल ब्रह्मास्त्र’ या ‘पटेल कार्ड’ का असर? सभी जानते हैं कि बिहार का कुर्मी समाज सरदार पटेल को अपना आदर्श मानता है। वैसे, यह कुर्मी समाज बिहार में फिलहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना नेता मानता है। यह बड़ी बात है कि सरदार पटेल की याद में एकता नगर में जो परेड होगा, वह 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस की तर्ज पर होगा। क्या इसे भाजपा द्वारा कुर्मी समाज को अपनी ओर लाने की कोशिश माना जाए? खास बात यह भी रही कि श्री शाह के इस पूरे प्रेस वार्ता में आधुनिक भारत के निर्माण में देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू का कोई जिक्र नहीं आया। सारा फोकस सरकार पटेल के व्यक्तित्व पर ही रहा। प्रेस वार्ता में श्री शाह के साथ बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय भी मौजूद थे।
(पढ़िए…कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का ‘एक्स’ पोस्ट खबर के आखिर में)
सीधा हमला, पटेल को भुलाने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी
श्री शाह ने इस मौके पर कांग्रेस पर सीधा हमला बोला। कहा, दुर्भाग्य की बात है सरदार पटेल के निधन के बाद उनको भुलाने में कांग्रेस पार्टी ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
भारत रत्न मिलने में 41 साल की देरी कांग्रेस सरकार की उपेक्षा के कारण
सरदार पटेल जैसे महान व्यक्तित्व को भी भारत रत्न मिलने में 41 साल की देरी हुई और वह देरी सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस की सरकार के सरदार साहेब के प्रति एक विशिष्ट उपेक्षा के भाव के कारण हुई। सरदार पटेल जैसे महान व्यक्तित्व के लिए पूरे दश में न कोई समाधि बनी और न कोई स्मारक बना। जब नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की रचना की और सरदार पटेल की समृति में एक भव्य स्मारक बनाया।
सरदार पटेल हमारे देश के लिए सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल हमारे देश के लिए सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचारधारा हैं। वह पूर्ण रूप से देश को समर्पित एक व्यक्तित्व थे, जिन्होंने आज़ादी के आंदोलन में न सिर्फ एक प्रमुख सेनानी की भूमिका निभाई, बल्कि गांधी जी के साथ रहकर आज़ादी के आंदोलन की संगठनात्मक रीढ़ बने थे। वर्ष 1928 का बारदोली सत्याग्रह किसानों के शोषण के खिलाफ अंग्रेज़ों के विरूद्ध किया गया था औऱ वहीं से महात्मा ने स्वयं उन्हें सरदार की उपाधि दी थी।
562 रियासतों को एकीकृत करने का भागीरथ कार्य सरदार पटेल ने पूरा किया
श्री शाह ने कहा कि देश को आज़ादी मिलने के बाद अंग्रेज़ों ने देश को 562 अलग-अलग रियासतों में बांटकर जाने का फैसला किया। उस समय पूरी दुनिया मान रही थी और देश के लोगों के मन में भी यह सवाल था कि 562 रियासतें एक होकर एक भारत कैसे बनेगा, लेकिन कुछ ही समय में 562 रियासतों को एकीकृत करने का भागीरथ कार्य सरदार पटेल ने पूरा किया।
हमारे सामने उपस्थित आज के भारत का मानचित्र सरदार पटेल की देन
हमारे सामने आज के भारत का मानचित्र सरदार पटेल की ही देन है। हैदराबाद में पुलिस एक्शन और जूनागढ़ के एकीकरण जैसी सभी चीज़ों को सरदार साहब ने एक के बाद एक हल किया। भोपाल, काठियावाड़ की रियासतें, त्रावणकोर या जोधपुर, हर जगह पर आने वाली समस्या का हल सरदार पटेल ने किया। साथ ही, पाकिस्तान कॉरीडोर बनाने के पाकिस्तान के प्रयास को भी विफल किया।
पटेल का आज के भारत का निर्माण और एक भारत बनाने में बड़ा योगदान
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का आज़ादी के बाद देश को एक करने, आज के भारत के निर्माण और एक भारत बनाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवड़िया कॉलोनी स्थित एकता नगर आते हैं और सरदार साहब की भव्य प्रतिमा के सामने एक परेड का आयोजन होता है। इस बार 150वीं जयंती के अवसर पर विशेष आयोजन किया गया है और गृह मंत्रालय ने यह तय किया है कि हर वर्ष 31 अक्टूबर को इसी प्रकार की भव्य परेड का आयोजन 26 जनवरी की तर्ज पर होगा।
एकता नगर में 1 से 15 नवंबर तक ‘भारत पर्व’ का आयोजन
श्री अमित शाह ने कहा कि यह परेड देश की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और राज्यों के पुलिस बलों के सम्मान में आयोजित की जाती है। यह परेड देश की एकता और अखंडता की प्रतिमूर्ति सरदार पटेल जी की प्रतिमा के सामने होगी। गृह मंत्री ने बताया कि सरदार साहब की 150वीं जयंती पर इस बार भारत पर्व का आयोजन एकता नगर में किया गया है, जो 1 से 15 नवंबर, यानी, भगवान बिरसा मुंडा की जयंती तक चलेगा। कहा कि 15 नवंबर को जनजातीय संस्कृति और सांस्कृतिक कार्यक्रम के भव्य आयोजन के साथ इसका समापन होगा। इस कार्यक्रम में देशभर की जनजातियों की सांस्कृतिक विविधताओं, खाद्य परंपराओं, वेशभूषा, शिल्पकला, लोककला औऱ संगीत का अद्भुत समन्वय देखने को मिलेगा।
सरदार पटेल के कारण ही लक्षद्वीप भारत का हिस्सा
श्री अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल किसी भी प्रकार के प्रचार और यश की अपेक्षा के बिना देश के लिए जीवन जीने एक एक उत्कृष्ट उदाहरण थे। आज़ादी के बाद 15 अगस्त को जब पूरा देश तिरंगा फहराने में व्यस्त था, उस समय सरदार पटेल कमांड रूम में नौसेना के अधिकारियों के साथ एक ऑपरेशन मॉनीटर कर रहे थे, जिसके कारण आज लक्षद्वीप भारत का हिस्सा है। हमारी दक्षिणी सीमा बहुत मज़बूत हुई है और उस ऑपरेशन के कारण ही लक्षद्वीप में तिरंगा फहराया गया।
अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी अधिक उंची स्टेच्यू ऑफ यूनिटी
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 31 अक्टूबर, 2013 को स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की आधारशिला रखी गई। अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी अधिक उंची 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा 57 महीनों में बनकर पूरी हुई। सरदार पटेल का जीवन किसानों को समर्पित था और इस प्रतिमा को बनाने में जो लोहा उपयोग किया गया है, वह देशभर के किसानों के औज़ारों से एकत्रित किया गया है। किसानों के औज़ारों को एकत्रित कर उन्हे पिघलाकर लगभग 25 हज़ार टन लोहे से इस प्रतिमा को बनाया गया है। 90 हज़ार घनमीटर कंक्रीट और 1700 टन से अधिक कांसे का उपयोग कर यह अविस्मरणीय स्टेच्यू बनाई गई, जो आज सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने का प्रमुख स्थल बन चुका है। श्री शाह ने कहा कि हर रोज़ लगभग 15 हज़ार लोग यहां आते हैं और अब तक देश औऱ विदेश के ढाई करोड़ लोग यहां इसे देखने आ चुके हैं। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी एक प्रकार से भारत के इंजीनियरिंग मार्वल के रूप में स्थापित हुई है।
प्रधानमंत्री कल 31 अक्टूबर को एकता नगर में भव्य परेड की सलामी लेंगे
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल सुबह एकता नगर में होने वाली भव्य परेड की सलामी लेंगे। इस राष्ट्रीय परेड मे CAPFs और कई राज्यों के पुलिस बल अपने कौशल, अनुशासन और वीरता का प्रदर्शन करेंगे। इस वर्ष परेड में CRPF के 5 शौर्य चक्र और BSF के 16 वीरता पदक विजेता भी शामिल होंगे। नेतृत्व महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा किया जाएगा और इसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक प्रदर्शन भी होंगे। हर राज्य पुलिस बल और CAPFs के जवान अपना सांस्कृतिक कौशल का भी परिचय कराएंगे। BSF का ऊंट दल और ऊंट सवार बैंड भी परेड की शान बढ़ाएगा। गुजरात का घुड़सवार दस्ता असम पुलिस का मोटरसाइकिल डेयरडेविल शो और पंजाब और कश्मीर पुलिस भी इस परेड का हिस्सा बनेंगे। इसके अलावा, NSG, NDRF, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, पुड्डुचेरी और जम्मू कश्मीर पुलिस भी परेड के दौरान अपनी झांकियां प्रस्तुत करेंगे। वायुसेना की सूर्यकिरण टीम का भव्य एयरशो इस परेड का शिखर बिंदु होगा। देशभर से 900 से अधिक कलाकार हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत को देश औऱ दुनिया के सामने रखेंगे। उन्होंने कहा कि यह परेड सच्चे अर्थों में भारत की एकता की परेड होगी और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के कॉन्सेप्ट को ज़मीन पर उतारेगी।
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पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर किया पलटवार

केन्द्रीय गह् मंत्रीअमित शाह की इस प्रेस वार्ता के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ (ट्वीटर) पर अपना पोस्ट डाला। श्री शाह के कांग्रेस द्वारा सरदार पटेल को भुला दिए जाने के आरोप के जवाब में पवन खेड़ा ने कहा कि यह “भुला दिए गए” व्यक्ति भारत के उप-प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने। ज़रा बताइए, कोई कैसे “नज़रअंदाज़” होकर पार्टी और सरकार – दोनों के सर्वोच्च पदों तक पहुंच जाता है? यही “उपेक्षित” सरदार पटेल थे, जिन्होंने गांधीजी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। यही “उपेक्षित” सरदार पटेल जिनके पुतले संघ ने जलाए और अभी हाल तक उनके ख़िलाफ़ पुस्तकें संघ मुफ्त में बांट रहा था। यही “उपेक्षित” सरदार पटेल जिनसे हम आज हम सीख रहे हैं कि जो संघ को जूते की नोक पर रखता है, संघ फिर आजीवन उसकी वंदना करता है।