बीआरबीजे न्यूज, पटना, 14 अक्टूबर, 2025 :
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या फिर ‘बड़े भाई’ की भूमिका में आ गए हैं…! जो सूचनाएं छनकर आ रही हैं, उससे तो यही लग रहा है। जैसा कि पहले एनडीए की ओर से यह घोषणा हुई थी कि बिहार विधान सभा – 2025 के आसन्न चुनाव में जदयू और भाजपा दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। यह भी कहा गया कि वर्ष 2005 के बाद पहली बार (2015 छोड़कर) जदयू ‘बड़े भाई’ की भूमिका में नहीं रहा, बल्कि भाजपा-जदयू दोनों ‘जुड़वा भाई’ की भूमिका में आ गए हैं। लेकिन, ऐसा दिख नहीं रहा। यदि भाजपा के खाते में कुछ और सीटें नहीं आती हैं, तो एक बार फिर वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यानी कहें तो जदयू के ‘छोटे भाई’ के ही रोल में रहेगी। जिस तरह से सीट शेयरिंग के बाद एनडीए के घटक दल दूसरे दल के कोटे की कुछ सीटों पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं, उससे साफ है कि एनडीए में फिलहाल सब कुछ सामान्य नहीं है।
नीतीश ने सीट बंटवारे की कमान अपने हाथ में ली
जानकारी के मुताबिक एनडीए में सीट शेयरिंग से नाराज सीएम नीतीश कुमार ने अब सीट बंटवारे की कमान अपने हाथ में ले ली है। जानकारी के तहत बिहार सरकार में मंत्री रत्नेश सदा को सोनबरसा से जदयू का सिम्बल दे दिया गया है। यही जानकारी राजगीर सीट के बारे में मिल रही है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार नालंदा जिले की कोई भी सीट जदयू छोड़कर एनडीए के किसी अन्य घटक दल को देने के पक्ष में नहीं हैं।
लोजपा–रा की सोनबरसा व राजगीर सीट से जदयू लड़ेगा…!
गौरतलब है कि सोनबरसा और राजगीर सीट एनडीए के सीट शेयरिंग में लोजपा – रा के खाते में गई है। यदि ये दोनों सीटें जदयू के खाते में जाती हैं तो जदयू के सीटों की संख्या 103 हो जाएगी। वैसे कुछ और सीटों पर जदयू की दावेदारी की बात सामने आ रही है। बताया जाता है कि जदयू के कुछ और नेताओं को सिम्बल दिया गया। इसी कड़ी में सूर्यगढ़ा से प्रह्लाद यादव की जगह रामानंद मंडल को सिंबल देने की खबर है। बताया जाता है कि जदयू के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह पहले से पाला बदल कर जदयू में आए प्रह्लाद यादव के विरोध में थे।
मांझी ने बोधगया और मखदुमपुर पर अपना हक जताया
उधर, हम (से) के जीतनराम मांझी भी बोधगया और मखदुमपुर पर अपना हक जताते हुए अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने की बात कह रहे हैं। यदि ऐसा होता है तो चिराग पासवान की पार्टी लोजपा – रा की परेशानी बढ़ सकती है। वैसे चिराग यह बयान दे चुके हैं कि अब 29 से एक भी कम सीट पर वह मानने वाले नहीं है। इसी तरह देखें तो चिराग की सीटें 29 से कम हो जाएंगी।
अजय मंडल के विरोध के बाद कहलगांव सीट जदयू के पास
उधर, जदयू सांसद अजय मंडल ने भागलपुर जिले में सीट वितरण में उपेक्षा से आहत होकर सीएम नीतीश कुमार को पत्र भेजकर इस्तीफे की पेशकश की है। कहा जा रहा है कि वह कहलगांव सीट भाजपा के खाते में जाने से नाराज हैं। इसके बाद बीजेपी ने कहलगांव सीट पर समझौता कर लिया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार यह सीट जेडीयू के खाते में चली गई है।