बीआरबीजे न्यूज, पटना, 14 अक्टूबर, 2025 :
बिहार विधान सभा चुनाव – 2025 के लिए पहले चरण के नामांकन के जहां महज मात्र 72 घंटे यानी तीन दिन शेष रह गए हैं, वहीं दोनों प्रमुख महागठबंधनों के बीच घटक दलों में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं होने से इसकी औपचारिक घोषणा अटकी हुई है। दोनों के घटक दलों में अधिक से अधिक सीटें कब्जाने के लिए जबरदस्त मारामारी चल रही है। बिहारी में कहें तो कचरमकूट मची है। कोई दल अपना धन बल बढ़ाने के लिए अधिक सीटें चाह रहा है तो बड़े दल उन्हें अपने ही के पास संग्रहित रखकर सत्ता की राह आसान बनाना चाहता है। वैसे दोनों गठबंधनों में अब भी बैठकों और डेमेज कंट्रोल का दौर जारी है।
पहले एनडीए के हालात पर एक नजर :
दो दिन पहले गत रविवार को जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का एक्स (ट्वीटर) पर एक पोस्ट आता है, जिसमें कहा जाता है कि एनडीए के साथियों ने सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में सीटों का वितरण पूर्ण कर लिया है। फिर भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का भी एक्स पर एनडीए एकजुट – महागठबंधन में फूट शीर्षक से एक पोस्ट आता है कि एनडीए के दलों में सीटों का वितरण पूरा हुआ। साथ ही, यह खबर भी आती है कि सोमवार को 4 बजे जदयू के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर कौन सी सीट एनडीए के किस दल के खाते में गई, इसकी जानकारी दे दी जाएगी। मगर, दलों के नेता, उम्मीदवार, उनके समर्थक और मीडिया इंतजार करती रह जाती है और देर रात तक इसकी घोषणा नहीं होती। एनडीए के अंदर से इसका कारण बताया जाता है कि लोजपा को जो 29 सीटें दी गई हैं, पेंच वहीं फंसा है। इस बीच जदयू की कुछ महत्वपूर्ण सीटें लोजपा-रा और रालोमो के खाते में जाने से नाराज रोहतास के जदयू के नेता जय कुमार सिंह और डा. अशोक कुमार महतो जैसे कई नेता जहां इस्तीफा कर देते हैं, तो कई इस्तीफे के मुहाने पर बैठे होते हैं। गोपालपुर (भागलपुर) के गोपाल मंडल सीएम आवास के सामने धरने पर बैठ जाते हैं तो धूमल सिंह और श्याम बहादुर सिंह की भी घोर नराजगी सामने आती है।

एनडीए में सीटों को चिह्नत करने की घोषणा टालनी पड़ी
बात जब आलाकमान तक पहुंचती है तो वीटो लगता है और एनडीए में सीटों को चिह्नत करने की घोषणा टाल दी जाती है। इस बीच यह भी खबर आती है कि एनडीए के घटक दलों में पंचायती करने खुद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह आ रहे हैं। उधर, लोजपा – रा नेता चिराग का बयान आता है कि वह 29 से एक भी सीट छोड़ने वाले नहीं हैं। इससे पहले रालोमो नेता उपेन्द्र कुशवाहा और हम नेता जीतनराम मांझी का भी बयान आता है, जो उनके दुखी होने की पुष्टि करता है। इस बीच पहले चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर है, जिसमें अब महज तीन दिन रह गए हैं। जदयू केअजय मंडल और अन्य की भी नाराजगी आई है।
संजय झा व सम्राट चौधरी के नए बयान के निकाले जा रहे मायने
इसी दौरान मंगलवार को JDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का बयान आया है कि, “विपक्ष के लोगों को पता है कि वे चुनाव मैदान में साफ हो चुके हैं। इसलिए NDA में क्या हो रहा है इस बारे में भ्रांतियां फैला रहे हैं। नीतीश कुमार चुनाव मैदान के लिए तैयार हैं। वे NDA के लिए चुनाव प्रचार भी करेंगे। एक-एक चीज पर उनकी नजर है। सम्राट चौधरी का भी बयान आता है कि कौन दल किस सीट से चुनाव लड़ेगा यह चर्चा सकारात्मक बातचीत के साथ अंतिम दौर में है। मोदीजी और नीतीशजी के नेत्त्व में एनडीए के सभी दल एकजुटता के साथ पूरी तरह तैयार हैं। इस समय इन दोनों नेताओं के इन बयानों के जारी करने से खास मायने निकाले जा रहे हैं।

अब जरा इंडिया यानी महागठबंधन के हालात पर नजर :
राहुल गांधीके दौरेके बाद से कांग्रेस जबरदस्त फीलगुड में है। उसने सीटों की सौदेबाजी तेज कर दी है। उसे 70 सीटें चाहिए। कुछ कम भी तभी कर सकते हैं, जब सरकार बनाने की स्थिति आई तो उप मुख्यमंत्री की कुर्सी भी चाहिए। उधर, मुकेश सहनी भी वीआईपी के लिए 20 सीटें और उप मुख्यमंत्री की कुर्सी की डिमांड कर रहे हैं। तेजस्वी प्रसाद यादव महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद के लिए अधिक से अधिक सीटें जीतना चाहते हैं ताकि सरकार बनाने की नौबत आई तो वे फिर सेसबसे बड़े दल के रूप में रहें। इसके लिए वे मुकेश सहनी के बयान से उलट अधिक सीटों का त्याग नहीं करना चाहते। उधर, वाम दलों में भाकपा माले भी अपने बेहतर स्ट्राइकिंग रेट और हर जगह अपने हक जनाधार के मद्देनजर अधिक सीटों की डिमांड कर रहा है।

मनोज झा का चौंकाने वाला बयान दोहे के हवाले से
इसी बीच राजद सांसद मनोज झा का भी चौंकाने वाला बयान दोहे के हवाले आता है, रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चिटकाय, कि टूटे से फिर ना मिले, मिले गांठ पड़ जाए। लोग इसके भी मायने निकाल रहे हैं। राउज एवेन्यु कोर्ट में पेशी के लिए सोमवार को दिल्लीगए तेजस्वीयादव के कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बिना मिले ही पटना लौटने की खबर है।
मुकेश सहनी ने भी बदला बयान

वहीं, महागठबंधन बीमार है, का बयान देकर दिल्ली गए मुकेश सहनी का अब यह बयान आया है कि हमारा गठबंधन थोड़ा अस्वस्थ हो गया था। कुल मिलाकर देखा जाए तो अब तक महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। इस गठबंधन के घटक दलों के कई नेता टिकट कटने से नाराज हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा है आज कल में सब क्लीयर हो जाएगा।