पटना, 11 जनवरी, 2024 : भाजपा पर राममन्दिर को राजनीतिक अखाड़ा बना देने का आरोप लगाते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि अपनी नाकामियों को ढंकने के लिए भाजपा फिर रसे राम नाम की चादर में छिपने के प्रयास कर रही है. आगामी लोकसभा चुनाव में राम मन्दिर का राजनीतिक इस्तेमाल करने के लिए यह इतने बेकरार हो चुके हैं कि आधे-अधूरे बने मन्दिर में ही रामलला की जबर्दस्ती प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं. एक तरह से यह सीधे-सीधे भगवान राम के साथ अन्याय के समान है.
उन्होंने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि धर्मगुरुओं के मुताबिक 22 जनवरी को महज 18 सेकेण्ड का शुभ मुहूर्त है, जो राममन्दिर जैसे महाकार्य के लिए बेहद कम है. इतने कम समय में न तो जरूरी अनुष्ठान हो सकते हैं और न ही ढंग से प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है. जानकार मानते हैं कि यदि भाजपा इसे केवल श्रद्धा की दृष्टि से देखती तो इसके लिए रामनवमी की तिथि निश्चित करती. इस तिथि को श्री राम का अवतरण दिवस भी है और चैत्र नवरात्रि की महानवमी भी. लेकिन जिस हडबडी से भाजपा जैसे-तैसे राम मन्दिर का लोकार्पण कर रही है, उससे साफ़ है कि इन्हें न तो धार्मिक रीतीरिवाजों की फ़िक्र है और न ही श्रद्धालुओं की भावनाओं की.
धर्मगुरुओं में है रोष का माहौल
जदयू महासचिव ने कहा कि भाजपा जिस तरह इस पूरे प्रकरण को हाईजैक कर अपनी मनमर्जी कर रही है उससे साधू-संतों में भी रोष का माहौल है. कई धर्मगुरुओं जगन्नाथपुरी मठ के शंकराचार्य ने भाजपा की अनावश्यक दखलंदाजी और साधू संतो की उपेक्षा से आहत होकर इस कार्यक्रम में नहीं जाने तक का ऐलान कर दिया है.
भाजपा से इस मामले में राजनीति न करने का आग्रह
उन्होंने भाजपा से इस मामले में राजनीति न करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा को समझना चाहिए भगवान राम देश के प्राण हैं और सभी देशवासियों के दिल में बसते हैं. 500 वर्षों के उपरांत हो रही इस प्राण प्रतिष्ठा को पारंपरिक विधि-विधानों का पालन करते हुए ही मनाना चाहिए. साथ ही इससे पहले उन्हें माता जानकी के मन्दिर के नवनिर्माण की पहली ईंट भी रख देनी चाहिए. तभी भगवान राम को वास्तविक ख़ुशी होगी.