पटना। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि यह बिहार का सौभाग्य है कि राज्य का नेतृत्व एक इंजीनियर मुख्यमंत्री के हाथों में है। इंजीनियर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व में बिहार ने पिछले 18 वर्षों में विकास की निरंतर नई ऊंचाइयों को छुआ है। जल संसाधन विभाग में 145 नये इंजीनियर की नियुक्ति से राज्य में तटबंधों की सुरक्षा और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार की योजनाओं को नई गति मिलेगी।
नवनियुक्त 145 सहायक अभियंताओं के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में बोले
श्री झा शनिवार को अधिवेशन भवन, पटना में आयोजित जल संसाधन विभाग में नवनियुक्त सहायक अभियंताओं के उन्मुखीकरण कार्यक्रम (ओरिएंटेशन प्रोग्राम) को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 145 सहायक अभियंताओं की नियुक्ति जल संसाधन विभाग में की गई है।
संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार में नदी जल की पर्याप्त उपलब्धता राज्य के लिए बड़ा उपहार है। इसका बेहतर प्रबंधन करते हुए, जनहित में इसके अधिकतम सदुपयोग के लिए जल संसाधन विभाग सतत तत्पर है। बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है। प्रदेश में बाढ़ के प्रभाव को कम करने और सिंचाई सुविधाओं के निरंतर विस्तार के लिए विभाग द्वारा नई-नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। विभाग की योजनाओं के कार्यान्वयन में कुशल अभियंताओं द्वारा आधुनिक तकनीक और इंजीनियरिंग का शानदार उपयोग किया जा रहा है।
श्री झा ने कहा कि गया में प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के पास फल्गू नदी में पूरे वर्ष जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग द्वारा आधुनिकतम तकनीक से देश के सबसे बड़े रबर डैम “गया जी डैम” का कार्यान्वयन किया गया है। इस योजना को निर्धारित समय से लगभग एक वर्ष पूर्व सितंबर, 2022 में पूर्ण कर लिया गया।
“गंगा जल आपूर्ति योजना” एक अनूठी योजना
उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा शुरू दूरगामी जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत “गंगा जल आपूर्ति योजना” एक अनूठी योजना है। इसके जरिये गंगा नदी की बाढ़ के पानी को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों में जाकर पेयजल के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
नवंबर 2022 से राजगीर शहर में 8031, बोधगया में 6000 तथा गया शहर में 75000 घरों में शुद्ध पेयजल के रूप में हर घर गंगाजल की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है। दिसंबर 2023 में नवादा शहर में भी हर घर गंगाजल की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।
श्री झा ने बताया कि सिमरिया धाम में गंगा नदी के बायें तट का उच्चीकरण करते हुए इसके नदी भाग में लगभग 550 मीटर की लम्बाई में कुल 114.97 करोड़ की लागत से सीढ़ी घाट निर्माण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। पहले चरण का कार्य अगले कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा।
चैतन्य प्रसाद ने अभियंताओं को विभाग की कार्यप्रणाली व उपलब्धियों की जानकारी दी
अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि जल संसाधन विभाग का काम मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित है। एक विंग द्वारा बाढ़ से सुरक्षा और जल निकासी के कार्य किये जाते हैं, दूसरे विंग के पास सिंचाई की वृहद योजनाओं के रखरखाव और सिंचाई क्षमता में निरंतर वृद्धि की जिम्मेदारी है, वहीं तीसरे विंग के अधीन विभागीय मुख्यालय के कामकाज और नये अनुसंधान को बढ़ावा देने वाले संस्थानों के प्रबोधन तथा मार्गदर्शन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। तीनों विंग के काम समान रूप से महत्वपूर्ण है और तीनों के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ बिहार में उपलब्ध नदी जल के सम्यक प्रबंधन के लिए तत्परता से कम कर रहे हैं।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम में श्री नन्द कुमार झा, अभियंता प्रमुख, मुख्यालय; पीके झा, अभियंता प्रमुख, सिंचाई सृजन; संजय कुमार झा, मुख्य अभियंता, योजना व मॉनीटरिंग; अंजनी कुमार सिंह, तकनीकी परामर्शी; संजीव कुमार सिन्हा, संयुक्त सचिव, रविन्द्र कुमार, विभागीय नीतिगत सलाहकार; अनिल कुमार मंडल, संयुक्त सचिव (प्रबंधन) सहित विभाग के तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।