बिहार अब वक डेस्क। पटना।
लोक आस्था का महापर्व कहे जाने वाले छठ व्रत में सूर्य की उपासना का विशेष महत्व है. सूर्य की किरणों का सीधा- सीधा हमारे मन- मस्तिष्क पर ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर पड़ता है। सूर्य की किरणों के कारण शरीर में अंदर या बाहर जमे विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं जिससे शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा क्षमता को बल मिलती है। चार दिनों तक सूर्य की उपासना से शरीर और मस्तिष्क दोनों को लाभकारी तत्व प्राप्त होते हैं। नहाय खाय, खरना प्रसाद ग्रहण और घाट पर सूर्य को अर्घ्य देने के अनेकों फायदे हैं। इस व्रत में अस्वस्थ लोगों को स्वस्थ कर देने की क्षमता है। निरंतर 36 घंटे निर्जला व्रत रखने से शरीर फंगल इंफेक्शन मुक्त करता है।
सेहत के लिए रामबाण होती हैं सूर्य की किरणें
सूर्य की सुबह या शाम की हल्की किरणें विटामिन ‘डी का मुख्य प्राकृतिक स्रोत होती हैं। जानकार बताते हैं कि विटामिन ‘डी शरीर की हड्डी, मस्तिष्क और ह्रदय तक के लिए जरूरी है। महापर्व छठ में सूर्य की उपासना से धार्मिक और शारीरिक लाभ होता है. सूर्य की किरणों में शरीर से विषैले तत्व निकालने की बेजोड़ शक्ति होती है। सुबह और शाम जब सूर्य की किरणें हल्की होती हैं तो और इससे मिलने वाले विटामिन ‘डी’से समूचे शरीर में जमा कैल्शियम सक्रीय हो जाता है. इस वजह से शरीर न केवल ऊर्जावान बनता है बल्कि शरीर की हड्डियाँ भी मजबूत होती हैं और त्वचा युवा और स्वस्थ होती है। सूर्य की किरणों के कारण हमारे शरीर पर अंदर या बाहर चिपके विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं। इससे शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है. सूर्य की किरणों में तनाव और डिप्रेशन को ठीक करने की भी क्षमता होती है।
नपा- तुला रहता है हार्मोन का स्तर
महापर्व छठ के दौरान चार दिनों तक लगातार लोकगीत, भजन और आरती की जाती है। इससे न केवल व्रती बल्कि आसपास रहने वालों को भी मानिसक शांति और आत्मिक सुख प्राप्त होते हैं। इससे घर का माहौल आध्यात्मिक बनने के साथ- साथ गीतों के जरिये शरीर के अंदर अच्छे हार्मोन्स का स्राव होता है और तनाव देने वाले हार्मोन्स घटते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद
छठ पूजा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। पूजा में कई रचनात्मक क्रियाएं होती हैं। व्रत के दौरान सात्विक जीवनशैली को बढ़ावा मिलता है और इससे नकारात्मक ऊर्जा शरीर से दूर होती हैं और ईर्ष्या, क्रोध आदि से इंसान मुक्त होता है। सूर्य की किरणें अवसाद (डिप्रेशन) को हरने वाली होती हैं. नदी या घाट के किनारे सुबह और शाम का माहौल मानिसक सुख को बढ़ाने वाला होता है। छठ पूजा में सूर्य की पहली किरण शरीर पर पड़ती है और लंबे समय तक आप सूर्य की किरणों के साथ रहते हैं। ऐसे में सूर्य की किरणों से निकलने वाली सुरक्षित विकिरण त्वचा में मौजूद फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने में मदद करती हैं। साथ ही शरीर की ऊपरी सतह पर मौजूद विटामिन ‘डी सूर्य की किरणों से सक्रीय हो जाता है। इससे मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक फायदे भी होते हैं।