पटना, 10 जनवरी, 2024 : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज आरोप लगाया है कि बिलकिस बानो प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गये निर्णय से भाजपा का महिला विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है।
उन्होंने भाजपा को महिला विरोधी राजनीति का सूरमा बताते हुए आरोप लगाया है कि महिलाओं का दमन करने और अपने राजनीतिक फायदे के लिए भाजपा कितनी निचले स्तर तक गिर सकती है यह इससे पता चलता है. गौरतलब हो कि साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गर्भवती बिलकीस बानो से सामूहिक बलात्कार और उनकी तीन साल की बच्ची समेत कम से कम 14 परिजनों की हत्या कर दी गयी थी. लेकिन बीते साल अपनी क्षमा नीति को ढाल बनाते हुए गुजरात की भाजपा सरकार ने इस जघन्य काण्ड के सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था. बाद में उन सभी को मिठाई खिलाकर और माला पहना कर स्वागत भी किया गया था, जो बलात्कार पीड़ित सभी महिलाओं के जले पर नमक छिडकने के समान था.
उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि गुजरात की भाजपा सरकार को इस काण्ड के आरोपियों को छोड़ने का अधिकार ही नहीं है और सभी आरोपियों को एक बार फिर से सरेंडर करना होगा. यह दिखाता है कि भाजपा की सरकार अपने समर्थक आरोपियों को बचाने के लिए न्याय का किस तरह से कत्ल कर रही थी.
जदयू महासचिव ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जिसने भाजपा की महिला-विरोधी चेहरे को उजागर किया हो. याद करें तो इन्ही लोगों के राज में मणिपुर में महिलाओं की इज्जत के साथ खुलेआम हुए खिलवाड़ ने बीते दिनों देश का माथा शर्म से झुका दिया था.
उन्होंने कहा कि इसी तरह अभी हाल ही में बीएचयू बलात्कार काण्ड के आरोपियों के भाजपा पदाधिकारी निकलने पर भी इनकी सरकार इसी तरह हाथ पर हाथ धरे बैठे रही थी. यह भाजपा की महिला विरोधी मानसिकता वाले लोगों को संरक्षण देने का ही परिणाम था कि इस मामले के दोषी मध्यप्रदेश चुनाव में पार्टी का प्रचार करते रहें और पुलिस लीपापोती करती रही.
जदयू महासचिव ने कहा कि महिला खिलाड़ियों को यौन शोषण के मामले में केस दर्ज करवाने के लिए भी धरने पर बैठना पड़ा वहीं इस मामले के आरोपी भाजपा के बाहुबली नेता आज भी छुट्टा घूम रहे हैं. यह दिखाता है कि इनकी निगाह में महिलाओं की कोई अहमियत नहीं है.