पटना। सीएम नीतीश कुमार की प्रेरणा और मार्गदर्शन में बिहार सरकार ने अच्छी पहल की है। गृह विभाग के कारा एवं सुधार सेवाओं के जरिये बेऊर समेत सूबे के पांच केंद्रीय जेलों में मुक्ति बाजार खोला गया है। इसके जरिए बंदियों द्वारा निर्मित सत्तू, मसाला, ब्रेड, चना भूजा, सरसों तेल, जूट से निर्मित सामग्रियां, बैग, सूती वस्त्र एवं हस्तशिल्प की बिक्री होगी।
शुक्रवार को पटना स्थित आदर्श केन्द्रीय कारा, बेऊर के बाहरी परिसर में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एन. विजय लक्ष्मी ने मुख्य अतिथि के रूप में मुक्ति बाजार का उद्घाटन किया। इस दौरान विशिष्ट अतिथि गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, कारा एवं सुधार सेवाओं के महानिरीक्षक शीर्षत कपिल अशोक, राजेश कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
60 कैदियों को दी जा रही रोजगार से जुङ़ने का प्रशिक्षण
केन्द्रीय कारा पूर्णियां, शहीद खुदीराम बोस केन्द्रीय कारा मुजफ्फरपुर, शहीद जुब्बा सहनी केन्द्रीय कारा भागलपुर एवं केन्द्रीय कारा मोतिहारी में भी मुक्ति बाजार आमजनों के लिए खोला गया। साथ ही सचिवालय और पटेल नगर में भी यह बाजार खुलेगा जिसको लेकर 60 कैदियों को डेयरी, बकरी पालन और कैंडल बनाने का प्रशिक्षण की शुरुआत भी की गई। आगामी दिनों में अन्य कैदियों को भी यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण 15 दिनों का होगा। बताया गया कि आने वाले दिनों में सचिवालय और पटेल नगर भी मुक्ति बाजार खोला जाएगा।
जेल से बाहर निकलने के बाद कैदी रोजगार कर सकेंगे स्थापित
कैदियों को डेयरी, बकरी पालन व कैंडल बनाने का प्रशिक्षण उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होगा। जेल से बाहर निकलने के बाद वे रोजगार स्थापित कर सकेंगे।
शुद्धता एवं गुणवत्ता की कसौटी पर खरे हैं मुक्ति बाजार के सामान : डॉ. सिद्धार्थ
आदर्श केंद्रीय कारा, बेऊर में हुए मुख्य कार्यक्रम के मौके पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि कैदियों द्वारा बनाये गये मसाले, ब्रेड, चना सत्तू आदि मुक्ति बाजार में रखे गए हैं। साथ ही ये सामग्री शुद्धता एवं गुणवत्ता की कसौटी पर खरी हैं। मुक्ति बाजार का स्टॉल सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे और अपराह्न तीन से पांच तक खुला रहेगा। जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि कैदियों द्वारा बनाई गई सभी सामग्री शुद्धता एवं गुणवत्ता की कसौटी पर खरी है।