पटना, 24 जनवरी 2024 : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों ने जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के कार्यों को आगे बढ़ाया है लेकिन आजकल लोग परिवारवाद को आगे बढ़ाते हैं। जब कर्पूरी जी का देहावसान हो गया तब हमलोगों ने उनके सुपुत्र रामनाथ ठाकुर जी को आगे बढ़ाया। उन्हें पार्टी में स्थान दिया, मंत्री बनाया, सांसद बनाया। आजकल बहुत लोग अपने परिवार को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं लेकिन जननायक ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया और उन्हीं से सीख लेते हुए हमने भी अपने परिवार को कभी आगे नहीं बढ़ाया।
सीएम ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर जदयू के कार्यक्रम को किया संबोधित
सीएम आज भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 100वीं जंयती पर जदयू द्वारा वेटनरी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसमें राज्यभर से लोग शामिल हुए।
कर्पूरी जी को भारतरत्न देने पर केंद्र सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी को भी दी बधाई
उन्हों’ने कहा कि आज उनके 100वें जन्मदिवस पर उन्हें भारत रत्न दिया गया है, यह बड़ी खुशी की बात है। वर्ष 2007 से वर्ष 2023 तक हर साल हमलोग उन्हें भारत रत्न देने का अनुरोध करते रहे चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या फिर एनडीए की, लेकिन आज केंद्र की सरकार ने उन्हें भारत रत्न दिया, जिसके लिए मैं केंद्र सरकार के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी बधाई देता हूं। रामनाथ ठाकुर को भी प्रधानमंत्री ने फोन कर बधाई दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जननायक की जंयती पर आयोजित सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। समस्तीपुर में उनके गांव जाकर उनके परिवार के लोगों से मिलता हूं। कहा कि देश में पहली बार पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग को जोड़कर आरक्षण दिया गया। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने ही पहली बार वर्ष 1978 में पिछड़ा वर्ग को 8 प्रतिशत और अति पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया। अति पिछड़ा वर्ग ज्यादा गरीब है और उनकी संख्या भी ज्यादा है। जननायक के कार्यों को हमें हमेशा याद रखना है। उन्होंने ही पहली बार बिहार में शराबबंदी लागू की लेकिन समय से पहले ही उन्हें पद से हटा दिया गया, फिर शराबबंदी भी खत्म हो गई। पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग का कल्याण होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया, डॉ. भीमराव आंबेडकर, लोक नायक जयप्रकाश नारायण और जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारों पर चलनेवाले लोग हैं। हमको मौका मिला तो हमने उन्हीं लोगों के कार्यों को आगे बढ़ाया है। कहा कि हमलोगों ने जाति आधारित गणना का काम करवाया। इसमें जाति की गणना के साथ-साथ एक-एक परिवार की आर्थिक स्थिति का जायजा लिया गया। आरक्षण की सीमा को बढ़ाया गया। अनुसूचित जाति की आरक्षण सीमा को 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति का 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग का 25 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग को 18 प्रतिशत का आरक्षण का लाभ दिया। 50 प्रतिशत से आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया। अपर कास्ट में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को केंद्र सरकार द्वारा 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है जिसे हमलोगों ने भी अपने राज्य में लागू किया है। कुल मिलाकर आरक्षण की सीमा 75 प्रतिशत हो गई है।
उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना के बाद यह बात सामने आई कि सभी जाति, वर्ग, धर्म में गरीब परिवार है। इनकी संख्या 94 लाख है। हमलोग प्रत्येक गरीब परिवार को 2-2 लाख रुपया देंगे ताकि वे अपना कार्य कर सकें। जीविका स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से चलाई जा रही सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत दी जानेवाली 1 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 2 लाख किया गया है।
कार्यक्रम में जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, रामनाथ ठाकुर, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, खाद्य, उपभोक्ता एवं संरक्षण मंत्री शी सिंह, जदयू नेता मंगनी लाल मंडल, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा सहित अन्य मंत्री, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।